रावण के व्यक्तित्व की अनसुनी कहानियां
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'रावण की रामायण' का एक दृश्य |
नाटक – रावण की
रामायण
निर्देशक- अतुल सत्य
कौशिक
तिथि – 30 सितंबर,
2017
स्थान – कमानी ऑडिटोरियम,
कॉपरनिकस मार्ग, मंडी हाउस, नई दिल्ली
‘रावण की रामायण' रावण के नजरिये से
एक अनोखी प्रस्तुति है। इस प्रस्तुति में रावण की भूमिका निभा रहे हैं-बॉलीवुड और
रंगमंच के मशहूर कलाकार पुनीत इस्सर।
इस नाटक में रावण के
अस्तित्व की नये सिरे से तलाश की गई है, जिसे इतिहास में एक क्रूर आक्रांता समझकर नजरअंदाज कर दिया गया।
नाटक का सार बताता है कि रावण को इतिहास में अपना पक्ष रखने का मौका नहीं मिला। वह
एक समृद्ध राज्य का प्रतापी राजा था। वह अपनी बहन के विनाशकारी व्यवहार से कुपित
था और अपमान का बदला लेने हेतु भी उसके भीतर एक प्रतिशोध था। नतीजा यह होता है कि
वह जानबूझ कर सीता का का अपहरण करने की धृष्टता करता है और अपने भाई तथा पत्नी की
इच्छा के विरुद्ध राम के खिलाफ युद्ध में पूरे राज्य की ताकत को झोंक देता है। वह
केवल युद्ध के मैदान में ही नहीं लड़ता बल्कि उसके भीतर भी लड़ाई चलती रहती है, जहां
उसे पत्नी, बेटों, कुलदेवता तथा पूर्वजों के प्रश्नों का कठोर सामना करना पड़ता
है। जिसके बाद वह एक राज्य की रक्षा हेतु आखिरी लड़ाई में शामिल हो जाता है, जिसे
आगे चलकर सुरासुर संग्राम की संज्ञा दी जाती है।
'रावण' की भूमिका में पुनीत इस्सर |
अतुल सत्य कौशिक के
निर्देशन में पूरे नाटक में रावण के इन्हीं चरित्रों की वीरता ही नहीं अपितु उसकी
राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाया गया है। रावण के व्यक्तित्व की कई
अनसुनी कहानियां इस प्रस्तुति का खास आकर्षण हैं।
पिक्चर प्लस ब्यूरो
(Email-pictureplus2016@gmail.com)
राम की रामायण होती है, किंतु रावण की रामायण नहीं हो सकती - http://www.yuvarocks.com/2016/09/blog-post.html
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