हसीना...को ऑडियंस की ना,अब लाखिया का क्या होगा?
निर्देशक –
अपूर्व लाखिया
सितारे-
श्रद्धा कपूर, सिद्धांत कपूर, अंकुर भाटिया
रेटिंग - 2
स्टार
इस हफ्ते की ये दूसरी फिल्म भी दर्शकों की कसौटी
खड़ी उतरती नहीं दिख रही है।
उम्मीद थी कि ये ‘हसीना’ (श्रद्धा कपूर) दर्शकों के दिल पार कर और पर्दे को फाड़कर
निकलेगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। सबसे बड़ा सवाल तो यह कि अपूर्व लाखिया ने इस कहानी
पर फिल्म बनाने की ठानी ही क्यों?
हसीना
पारकर जैसी शख्सियत से कहानी में हमदर्दी दिखाने की कोशिश भला आज की तारीख में
दर्शकों को कैसे रास आ सकती है? अंडरवर्ल्ड
हिन्दी फिल्मों की कहानी का बहुत पुराना विषय रहा है। और अब तक की ज्यादातर
कहानियों में अंडरवर्ल्ड के मुख्य किरदारों को उसी तरह से दिखाया जाता रहा है
जैसेकि सत्तर के दशक में डकैतों के जीवन पर आधारित फिल्में बनाई जाती थी और उसमें
डकैतों के नायकत्व और उसके डकैत बनने की मजबूरी की बखान की जाती थी। दर्शक वर्ग उन
डकैतों के चरित्र चित्रण से संवेदना जताते थे-कि डकैत भी इंसान होता है।
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हसीना पारकर अपने चारों बच्चों के साथ |
शूटआउट एड लोखंडवाला का यही डायरेक्टर अपूर्व
लाखिया इस बार महिला किरदार को अंडरवर्ल्ड की कहानी में पिसते हुये दिखाने का
प्रयास किया ताकि दर्शक की संवेदना उस महिला किरदार के प्रति अधिक से अधिक जागृत
हो। लेकिन फिल्म का निर्माण जिस तरीके से हुआ, उसमें यह कामयाबी नहीं मिली। लाखिया
कुछ ज्यादा ही प्रयोगशील होने के चक्कर में बनावटी हो गये जैसेकि ‘सत्या’ बनाने वाले रामू ‘शोले’ बनाने के बाद मामू
कहलाने लगे।
इस फिल्म की कहानी महज इतनी है कि दाऊद की फरारी
के बाद उसके परिवार के सदस्यों खासतौर पर उसकी बहन हसीना पारकर को किन-किन कानूनी
पचड़ों और सामाजिक परेशानियों से होकर गुजरना पड़ा। कई गंभीर आपराधिक साजिशों के
आरोपों को भी झेलना पड़ा। लेकिन हसीना के रूप में श्रद्धा कपूर ने अपनी संभावित
ग्लैमरस प्रेजेंस को भी धूमिल कर लिया। भविष्य में उसे यह किरदार इतनी आसानी से
पीछा नहीं छोड़ेगा। ग्लैमरस वर्ल्ड में वापस स्थान पाने के लिए उसे फिर से बड़ी
मेहनत करनी होगी।
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युवा हसीना पारकर के रूप में श्रद्धा कपूर |
गीत संगीत भी फिल्म में नदारद हैं।
फिल्म के बैकड्राप में मुंबई के अविकसित इलाकों
को कहानी के करीब जाने के मकसद से दिखाया गया है लेकिन वह भी काम का नहीं बन पड़ा
है।
अंत में यही कहा जा सकता है कि फिल्म में ऐसा कुछ
भी नहीं है जिसके आधार पर आपको इसे देखने के लिए कहा जाये। फिल्म नहीं देखेंगे तो
कुछ भी मिस नहीं करेंगे।
‘पिक्चर प्लस’
समीक्षक
(Contac:
pictureplus2016@gmail.com)
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