KBC का CSR
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अमिताभ बच्चन के साथ केबीसी 9 की पहली करोड़पति विजेता अनामिका मजूमदार |
“सभी
महिलायें कुछ बड़ा और अलग करने की क्षमता रखती हैं लेकिन आस पास के लोग उसकी
उपेक्षा करते हैं। मैं ऐसे लोगों से यही अपील करना चाहूंगी कि महिलाओं को
प्रोत्साहित करें और उसके सपनों को पूरा करने में उसकी मदद करें”
-अनामिका मजूमदार, एक करोड़ की विजेता
टीवी शोज़ अक्सर ग्लैमर की मसाला छौंक से टीआरपी
बटोरता है लेकिन सभी शोज ऐसे नहीं होते। अक्सर आपने कई रियलिटी शोज़ में
नेत्रहीनों और अपंगों को परफॉर्म करते देखा होगा-जजों को उन प्रतियोगियों की
बहादुरी और हुनर पर भावुक होकर तालियां बजाते देखा होगा। टीवी शोज़ के ये कदम
दर्शकों में उनकी पकड़ को मजबूत बनाते हैं और समाज से स्थायी रिश्ता भी कायम करते
हैं। जिसकी बदौलत उन्हें टीआरपी तो मिलती ही है साथ ही एक सामाजिक उपादेयता का
योगदान भी उल्लेखित किया जाता है।
आमलोगों से जुड़ा केबीसी का भावुक रिश्ता
याद कीजिये केबीसी 7 और 8 का दौर, लगता था अमिताभ
बच्चन का जादू लोग भूल गये। केबीसी की शुरुआती सीरीज का आकर्षण कम होता नजर आया था।
लेकिन केबीसी 9 ने जनता के बीच एक बार फिर अपना वही स्थान बना लिया जो पहली या
दूसरी सीरीज में देखने को मिला था। लेकिन इसके पीछे केबीसी 9 की टीम की बड़ी
तैयारी दिखती है। यह अचानक ही नहीं हुआ। पिछले करीब एक महीने के सभी एपिसोड्स को
गौर से देखें तो यहां ज्यादातर उन प्रतियोगियों को हॉट सीट पर अधिक से अधिक मौका
मिला है, जिनके कामकाज का दायरा निजी ना होकर सामाजिक था। हॉट सीट पर आने वाले ज्यादातर
प्रतियोगी किसी ना किसी एनजीओ से जुड़े रहे हैं या उनके कार्य का विस्तार सामाज के
विभिन्न वर्ग को समर्पित रहा है।
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1 करोड़ जीतने के बाद अनामिका मजूमदार के साथ सेल्फी लेते अमिताभ बच्चन |
अनामिका मजूमदार भी हैं सोशल वर्कर
केबीसी 9 में अब तक की सबसे अधिक धनराशि (1
करोड़) जीतने वाली महिला अनामिका मजूमदार भी एक सामाजिक कार्यकर्ता है। झारखंड के
जमशेदपुर की रहने वाली दो बच्चों की मां अनामिका मजूमदार ‘फेथ
इन इंडिया’ नाम से एक एनजीओ चलाती हैं। उसका
कहना है कि उसे अपने एनजीओ के कामकाज को आगे बढ़ाने के लिए धन की जरूरत थी, यह एक
करोड़ की राशि इसी काम में आयेगी। उसने कहा है कि वह इस राशि का उपयोग झारखंड के
ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंदों की सेवा के लिये करना चाहेगी। गौरतलब है कि
अनामिका एक कुशल डांसर भी हैं और वह एनजीओ बनाने से पहले से स्लम के गरीब बच्चों
को डांस सिखाती थीं। वह गरीब बच्चों को नाटक में भाग लेने के लिए प्रेरित करती
थीं। उसने नोटबंदी के कुछ दिनों के बाद कैशलेस इंडिया के समर्थन में एक नाटक किया
था जिसमें बतौर मुख्य अतिथि झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास शामिल हुये थे। इससे
पहले अनामिका ने स्वर्णरेखा नदी को बचाने के लिए उस नदी किनारे ही एक नाटक
प्रस्तुत किया था। उसकी इन दोनों ही प्रस्तुतियों को काफी लोगों ने पसंद किया था।
‘कौन बनेगा करोड़पति’
में एक करोड़ जीतने पर उसने मीडिया से इंटरव्यू में कहा कि “मैं
अमिताभ बच्चन की बड़ी फैन थी और इस शो का मेरे मन में काफी आकर्षण था जबकि यहां
आने के लिए कभी गंभीरता से नहीं सोचा। लेकिन जब मुझे अपने एनजीओ को आगे बढ़ाने के
लिए फंड की जरूरत महसूस हुई तो मैंने यहां आने का प्रयास किया।”
हालांकि अनामिका सात करोड़ के सवाल का जवाब नहीं
दे सकी। लेकिन एक सामाजिक कार्यकर्ता महिला होकर उसने जो विजय हासिल की है उसके
बारे में उसका कहना है कि “सभी महिलायें कुछ बड़ा और अलग करने की क्षमता
रखती हैं लेकिन आस पास के लोग उसकी उपेक्षा करते हैं। मैं ऐसे लोगों से यही अपील
करना चाहूंगी कि महिलाओं को प्रोत्साहित करें और उसके सपनों को पूरा करने में उसकी
मदद करें”।
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बर्सोवा बीच पर सफाई अभियान चलाने वाले अफजल शाह, शिल्पा शेट्टी और अमिताभ बच्चन |
केबीसी 9 का सामाजिक रिश्ता बना मजबूत
अनामिका मजूमदार से पहले हरियाणा के पलवल के पेशे
से लेक्चरर वीरेश चौधरी ने इस सीज़न में 50 लाख की राशि जीती है। लेकिन इनके अलावा
बाकी प्रतियोगियों की प्रोफाइल को गौर से देखें तो उनमें से ज्यादातर जरूरतमंद लोग
थे या किसी ना किसी गैर-लाभकारी संस्था के संचालक थे। जबकि केबीसी की शुरुआती
सीरीजों में आपने देखा होगा यहां ज्यादातर समाज के वैसे तबके के लोग आते थे जो
केबीसी शो को कैसिनो की तरह इंज्वॉय करना चाहते थे। लेकिन इस बार केबीसी ने वैसे
लोगों का चयन करना ज्यादा मुनासिब समझा है जिनके जीवन में वाकई पैसों की जरूरत है।
दिल्ली के बख्तावरपुर निवासी अरुण सिंह राणा पच्चीस लाख जीत चुके हैं और वो पब्लिक
हेल्थ रिसर्च सेंटर चलाते हैं। उन्होंने कहा कि जीती हुई राशि का इस्तेमाल वो इस
सामाजिक कार्य में लगायेंगे।
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पटना स्थित 'सुपर 30' के संस्थापक गणितज्ञ आनंद कुमार और अमिताभ बच्चन |
फिल्म प्रमोशन का मंच नहीं है केबीसी 9
केबीसी के मंच पर इस बार किसी भी नई फिल्म के
प्रमोशन को पहले ही रोक दिया गया है। और इसके बदले प्रत्येक शुक्रवार को ’नई
चाह नई राह’ नामक सेगमेंट दिखाया जा रहा है। इसमें भी किसी
एक वैसे प्रतियोगी को सीधे हॉट सीट पर आने का मौका दिया जाता है जिन्होंने सामाजिक
क्षेत्र में आमलोगों के बीच प्रेरणा जगाने का कार्य किया हो। उस प्रतियोगी के साथ
एक सेलिब्रिटी को भी उसकी मदद के लिए हॉट सीट पर बैठाया जाता है। इस सेगमेंट की
कड़ी में अब तक पटना के सुपर 30 के संस्थापक गणितज्ञ आनंद कुमार और मुंबई में
बर्सोवा बीच पर सफाई अभियान चलाने वाले अफ़रोज़ शाह को मौका मिल चुका है। दोनों ही
सोशल वर्कर प्रतियोगी 25-25 लाख जीत कर जा चुके हैं। इनके अलावा मिताली राज के साथ
उनकी महिला क्रिकेट टीम तथा पॉप गायिका ऊषा उथुप के साथ ट्रांसजेंडर समुदाय की
सुरक्षा और संरक्षा के लिए समर्पित गौरी सावंत को भी इस सेगमेंट में शामिल किया
गया।
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ट्रांसजेंडर के हक के लिए कार्य करने वाली गौरी सावंत, पॉप गायिका ऊषा उथुप तथा अमिताभ बच्चन |
वास्तव में यह कदम केबीसी का सीएसआर है, जिसकी
प्रशंसा इसकी बढ़ती टीआरपी में दिखती है।
-संजीव श्रीवास्तव, संपादक, पिक्चर प्लस
(पिक्चर प्लस – नॉन-प्रोफिट फिल्म
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