फिल्म – सीक्रेट
सुपरस्टार
निर्देशक -अद्वैत
चंदन
सितारे – आमिर
खान, जायरा वसीम,
मेहर विज, राज अरुण, तीर्थ शर्मा
‘पिक्चर प्लस’
रेटिंग – 3.5
गुरुदत्त के ज़माने में सोशल मीडिया होता
तो ‘प्यासा’ की कहानी कैसी होती?
इस मुद्दे पर अच्छी चर्चा हो सकती है। गुमनाम कितने दिनों तक गुमनाम रहते गोकि 'प्यासा' में भी कामयाबी के बाद गुमनाम कलाकार को शोहरत रातों रात नसीब होती है। लेकिन ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ उस कला की आत्मा की फिल्म नहीं है। यह एक कलाकार के सपने की उड़ान की फिल्म है।
आमिर खान हमारे दौर के ऐसे अभिनेता हैं जिसकी दुनिया में कला और सपने
की उड़ान एकसाथ गुंथी होती है। ‘लगान’ से ही आमिर खान की
यह सोच और कोशिश अलग नजर आती है। आमिर अपनी हर फिल्म में एक विशेष उपस्थिति का
अहसास कराते हुये से लगते हैं। फलां फिल्म आमिर खान की है, हर टाइटल के साथ
दर्शकों की यह सोच अब चस्पां हो गई है।
‘सीक्रेट सुपरस्टार’ वैसे तो कहानी है सोलह साल की एक लड़की की, जो संगीत की दुनिया की
स्टार बनना चाहती है लेकिन आमिर खान के किरदार के बिना यह संभव नहीं है।
फिल्म को देखेंगे तो आपको ‘दंगल’ की फीलिंग्स आएगी। वो इसलिये कि आमिर और जायरा दोनों यहां एक बार फिर
मिल रहे हैं। दोनों यहां पिता, पुत्री तो नहीं हैं गुरु शिष्या जरूर हैं। यहां
आमिर एक बार फिर एक स्टूडेंट के मेन्टोर बने हैं। इससे पहले भी वो ‘तारे जमीं पर’ में मेन्टोर की
भूमिका निभा चुके हैं। ‘दंगल’ में तो पिता और मेन्टोर की दोहरी भूमिका निभाई है। ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ में एक बार फिर
आमिर मेन्टोर हैं। लेकिन लुक एकदम अलग।
जरा याद कीजिये...आमिर की पिछली कुछ फिल्मों को मसलन ‘लगान’, ‘दिल चाहता है’, ‘थ्री इडियट’, ‘धूम 3’, ‘पीके’ या फिर ‘दंगल’ आदि को—सबमें आमिर
ने अपने लुक पर विशेष ध्यान दिया है। यही ट्रेंड ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ में भी दिखाई देता है। यानी यह मानकर चलना
चाहिये कि आमिर खान अब जब भी किसी फिल्म में आयेंगे तो एक विशेष लुक को लेकर
आयेंगे। सामान्य लुक आमिर खान को अब बिल्कुल पसंद नहीं है। लुक के कारण ही आमिर इस
फिल्म में लोगों का ध्यान अपनी तरफ ज्यादा खींचेंगे। एकदम पंजाबी रैपर अंदाज में
आमिर दर्शकों में ताजगी भर सकते हैं।
फिल्म में जायरा वसीम वडोदरा की रहने वाली 15-16 साल की एक ऐसी लड़की
है जिसे दुनिया की मशहूर गायिका बनने की इच्छा है। मां भी उसके साथ है लेकिन उसके
पिता को यह पसंद नहीं है। इसके बावजूद उसका इरादा मजबूत है। और अपनी पहचान छुपाकर वह
यूट्यूब पर अपने गाने अपलोड करती है। वीडियो को शेयर करती है। जिसके बाद वह एक ही
रात में लोकप्रिय बन जाती है। फिल्म में जायरा का अभिनय दिल को छू लेता है। वह बहुत
भोली और ईमानदार लगती है। फिल्म में यही दिखाया गया है कि एक प्रतिभाशाली को किस
किस स्तर पर सराहना और सहायता मिलती है। इसी क्रम में उसे संगीतकार आमिर खान से
मुलाकात होती है जिसके बाद उसकी किस्मत ही बदल जाती है।
इस फिल्म के निर्देशक और लेखक अद्वैत चंदन हैं। बतौर निर्देशक
उन्होंने डेब्यू किया है लेकिन उनके काम की तारीफ तय है। वहीं ईमानदार अभिनेता और
निर्माता के तौर पर आमिर खान ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आखिर उनको क्यों
फिल्म इंडस्ट्री में औरों से अलग कहा जाता है। अमित त्रिवेदी का संगीत और कौसर
मुनीर के गीत मन को भाते हैं।
लेकिन अंत में एक बात फिर से कहने की इच्छा होती है कि जहां की ‘स्ट्रीट’ और ‘बाथरूम’ में ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ जैसे ना जाने कितने
गुमनाम कलाकार हैं जो ‘प्यासा’ के ‘प्यासा’ ही रह गये! हालांकि फिल्म के सकारात्मक और आशावादी अंत की पहल स्ट्रगलर्स में हौसलाअफजाई करने वाली
है।
संजीव श्रीवास्तव (Email
: pictureplus2016@gmail.com)
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