ये था फिल्मी सितारों का सामाजिक ताना-बाना
किंग खान यानी शाहरुख खान ने वूमेन क्राइम को खत्म करने के लिए मुंबई
के बांद्रा फोर्ट एम्फीथिएटर में आयोजित ‘ललकार कंसर्ट’ में कविता पाठ किया। उन्होंने महिलाओं के लिए समर्पित गीतकार जावेद
अख्तर द्वारा लिखित एक कविता का पाठ किया। वहीं, उन्होंने एक विशेष प्रस्तुति भी दी जिस पर लोग झूमने को
मजबूर हो गए। बता दें कि पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया, फरहान अख्तर की ‘मर्द’, निर्देशक फिरोज
अब्बास खान के नेतृत्व और बिल - मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा समर्थित, बहुप्रतिक्षित
कंसर्ट ‘ललकार’ में संगीतकारों ने मुंबई को एकजुट किया था। ये अभियान महिलाओं और
लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए चलाया गया था। वहीं, आमिर खान, प्रियंका चोपड़ा, ऋतिक रोशन, शबाना आज़मी, विशाल डडलानी, शंकर महादेवन, रिचा चड्ढा, कृति सैनन और वरुण
धवन ने भी इस अभियान के लिए अपनी आवाज दी है और सोशल मीडिया पर इस मुहिम का समर्थन
किया है।
कंसर्ट के दौरान लेखक-निर्देशक-अभिनेता फरहान अख्तर, अरमान मलिक, हर्षदीप कौर, पापोन, सलीम-सुलेमान और सुकृति-प्रकृति
ने भारी संख्या में दर्शकों के सामने अपनी कला का प्रदर्शन किया। फरहान अख्तर ने
कहा कि हम महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को खत्म करने के लिए और इसके लिए
एक आंदोलन शुरू करने के लिए ‘ललकार’ कंसर्ट में अपनी
रचनात्मकता और संगीत का उपयोग कर रहे हैं। हम युवाओं को प्रेरित करने और आने वाले
परिवर्तन में उन्हें उत्प्रेरक बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। पॉपुलेशन
फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएफआई) की कार्यकारी निदेशक पूनम मुत्तरेजा ने कहा कि हम बात
कर रहे हैं। डेटा साझा कर रहे हैं। योजनाएं शुरू की गई हैं। कानून तैयार किए गए
हैं। यह सब महत्वपूर्ण है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। ‘ललकार’ के साथ हम मानसिकता बदलने के लिए काम करने की मांग करते हैं। मानसिकता
के चलते ही हिंसा की घटनाएं होती हैं।
उधर, फिरोज अब्बास खान ने बताया कि हम सिर्फ प्रतिक्रिया तक इस अभियान को
सीमित नहीं कर सकते, बल्कि इसे एक्शन (क्रियान्वयन) में लाना चाहते हैं। बस, अब बहुत हो
गया-एनफ इज एनफ एक ऐसा अभियान है, जो आमतौर पर इस बातचीत से बाहर रहने वाले लोगों को संवेदनशील बनाने के
लिए निरंतर काम करता है। हमारा संदेश पुरुषों के लिए है, क्योंकि अगर देश को बदलना
है तो मर्दों की अपनी मानसिकता बदलनी होगी।
गौरतलब है कि 30 मई को पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया, फरहान अख्तर की ‘मर्द’ और फिरोज अब्बास
खान द्वारा शुरू किये गए ‘बस अब बहुत हो गया -एनफ इज एनफ’
अभियान का मकसद, भारत में महिलाओं के सांस्कृतिक और सामाजिक
मानदंडों में सकारात्मक बदलाव लाने के साथ ही इन मुद्दों पर बहस शुरू करवाना है।
इस अभियान में शामिल चर्चित हस्तियों ने ये सन्देश दिया कि युवा लड़कियों को हिंसा
के खिलाफ खड़े होने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और लड़कों को दिखाना चाहिए
कि मर्दानगी का हिंसा से कोई रिश्ता नहीं होता। ये कंसर्ट पूरे भारत और दुनिया के
लोगों के लिए रजिस्ट्रेशन के आधार पर मुफ्त था। फिल्मों के अलावा, 40 शैक्षणिक परिसरों
में इस मुद्दे पर पैनल डिस्कशन हुए। एक फिल्म मेकिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें 600 कॉलेजों
ने हिस्सा लिया और करीब 2000 एंट्रीज (प्रविष्टियां) आई। इस कंसर्ट को फेसबुक पर लाइव प्रसारित
किया गया था ताकि ये सभी के लिए उपलब्ध हो सके। ‘ललकार’ में पूरे देश के रियल हीरोज भी आए थे, जिन्होंने अपनी या दूसरों की ज़िंदगी बदल दी।
ब्यूरो रिपोर्ट, pictureplus2016@gmail.com
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