फिल्म पर्सनाल्टी के इंटरव्यू और मोनोग्राफ की ई-बुक सीरीज़
हाल के सालों में हिंदी सिनेमा में अलग शैली और पहचान बना चुके फिल्म
लेखक-निर्देशक-अभिनेता अनुराग कश्यप पर वरिष्ठ फिल्म पत्रकार अजय ब्रह्मात्मज ने एक
खास पुस्तिका लिखी है। यह अनोखी इस मायने में है अहम कि इसका प्रकाशन ई-बुक
फॉर्मेट में हुआ है, जिसे नॉटनलडॉटकॉम (www.notnul.com) ने प्रकाशित किया है। पुस्तिका अनुराग कश्यप से बातचीत पर आधारित
है। इसमें अनुराग की फिल्मों, उनकी शख्सियत, सिनेमा के बारे में उनकी सोच, प्रेरणा
व अध्ययन आदि के बारे में विस्तार से चर्चा है। सिनेमा कैसे बनायें- बातचीत में इस
विषय पर फोकस किया गया है।
अनुराग कश्यप के बारे में अजय ब्रह्रात्मज के शब्द हैं “फिल्मों से संबंधित
सारे बौद्धिक और कमर्शियल इवेंट में एक युवा चेहरा इन दिनों हर जगह दिखाई देता है।
मोटे फ्रेम का चश्मा, बेतरतीब बाल, हल्की-घनी दाढी, टी-शर्ट और जींस में इस युवक को हर इवेंट में अपनी ठस्स के साथ देखा
जा सकता है। मैं अनुराग कश्यप की बात कर रहा हूं। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के इस
मुखर, वाचाल, निर्भीक और साहसी लेखक-निर्देशक ने अपनी फिल्मों और गतिविधियों से
साबित कर दिया है।“
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लेखक अजय ब्रह्मात्मज |
लेकिन पुस्तिका सीरीज प्रकाशन के लिए ई-बुक का प्लेटफॉर्म क्यों चुना
गया? अजय ब्रह्मात्मज कहते हैं—“मूलत: मैं ई-बुक के तौर पर मैं इंटरव्यू और मोनोग्राफ की सीरीज कर रहा हूं,
उसीका यह पहला भाग है। हर सीरीज में तकरीबन साठ पेज तक होंगे। हर सीरीज में किसी
फिल्मकार का इंटरव्यू होगा या किसी फिल्म पर्सनाल्टी का मोनोग्राफ होगा। अगर
पाठकों और खरीददारों ने उत्साह बढ़ाया तो मेरा प्रयास होगा कि प्रत्येक माह एक
सीरीज लेकर आऊं। इन सीरीज में हमारा इरादा 21वीं सदी के करीब-करीब सभी बड़े
डायरेक्टर्स मसलन राजकुमार हिरानी, संजय लीला भंसाली, अनुराग बसु, विशाल भारद्वाज,
इम्तियाज अली और सूरज बड़जात्या भी होंगे। इस सीरीज का मक़सद आम लोगों को सिनेमा
की चर्चित पर्सनाल्टी के बारे में दिलचस्पी जगाना है। अनुराग कश्यप वाली यह पहली
सीरीज सिनेमा के क्षेत्र में आने वाले लोगों के लिए खासतौर पर डिडेकेटेड है। जो
लोग सिनेमा फील्ड में आना चाहते हैं उनके लिए यह काफी उपयोगी है। इसके बाद का
दूसरा पार्ट अनुराग के काम पर होगा।
हमने इस सीरीज का नाम ‘पतली पुस्तक’ रखा है। ये सीरीज फिलहाल ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध रहेगी। इसे
डाउनलोड करके कोई अपने मोबाइल पर भी रख सकता है, कभी भी जरूरत पड़ने पर पढ़ सकता
है। लेकिन कल को अगर किसी प्रकाशक ने इस सीरीज को हार्डबाउंड कवर के साथ या
पेपरबैक संस्करण में प्रकाशित करने में दिलचस्पी दिखाई तो उस फॉर्मेट में भी हम आ
सकते हैं। पाठकों को समझाने के लिये कहा जा सकता है कि साहित्य अकादमी ने जिस तरह
के मोनोग्राफ सीरीज प्रकाशित किये हैं, उसी तरह से हम सिनेमा पर्सनाल्टी के मोनोग्राफ
की सीरीज बना रहे हैं।“
हम कह सकते हैं सिने पुस्तक दुनिया में ये सीरीज एक नई पहल है जो
सर्वसुलभता को ध्यान में रखकर तैयार की जा रही है।
अगर आप भी इस पुस्तक को पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिये गये लिंक पर जा
सकते हैं- http://notnul.com/Pages/ViewPort.aspx?Shortcode=bW8bjo3b
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