सिनेमा की बात
अजय ब्रह्मात्मज / संजीव श्रीवास्तव
इतिहास में पहली बार दो फिल्मकारों ने रिलीज पर किया साझा प्रेस
कांफ्रेंस
“विवाद से ‘पद्मावत’ को होगा फायदा,
नया दर्शक वर्ग भी जायेगा फिल्म देखने”
संजीव श्रीवास्तव – अजय जी, हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास में बहुत
ही अनोखी प्रेस कांफ्रेंस देखने को मिली, जब दो अलग-अलग प्रोड्यूसरों ने बाकायदा
अपनी-अपनी फिल्म की रिलीज़ की तारीख़ को लेकर समझौता किया और सामने आकर लोगों को
बताया भी?
अजय ब्रह्मात्मज - दोनों फिल्मकारों का ये स्वागत योग्य फैसला है। ख़ासतौर
से अक्षय कुमार की तरफ से देखा जाये तो उनको इसके लिए वाहवाही मिल रही है। वैसे दूसरे
साइड से देखें तो अक्षय कुमार ने इस फैसले में अपने फायदे का भी पूरा ख्याल रखा
है। क्योंकि ये ऊपर से कहने की बातें हैं इस वक्त संजय लीला भंसाली को जरूरत थी
इसलिये उन्होंने अपनी फिल्म ‘पैडमैन’ की तारीख़ आगे खिसकवा दी। लेकिन यह जतलाना कहीं ना कहीं भंसाली पर अहसान
जताने की कोशिश भी है। लेकिन सचाई तो यह है कि अक्षय कुमार ने बड़ी ही होशियारी से
अपने बिजनेस को सेफ किया है।
संजीव श्रीवास्तव – दो फिल्म शख्सियतों की इस तरह की प्रेस कांफ्रेंस
को हम प्रचार की नई रणनीति के तहत भी देख सकते हैं?
अजय ब्रह्मात्मज – जी, बिल्कुल। क्योंकि ये बात बगैर किसी प्रेस कांफ्रेंस
के भी कही जा सकती थी। फिल्म रिलीज के इतिहास में कई बार ऐसा हुआ है जब दो बड़ी
फिल्में आमने-सामने होने पर निर्माताओं ने अपनी-अपनी फिल्में आगे-पीछे की हैं। लेकिन
संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के जरिये अक्षय कुमार ने ऐसा करके पूरा माइलेज ले लिया
है, हम इसे उनकी अच्छी पहल भी कह सकते हैं तो बिज़नेस की चाल भी। लेकिन अंदर की जो
असली सचाई है वह यह है कि अक्षय कुमार वास्तव में कुचले जाने के डर से खिसक गये हैं और
कह रहे हैं कि हमने दूसरे को रास्ता दिया है। इसी आधार पर अब कोई यह सवाल भी उनसे
पूछ सकता है कि जब वो खुद कुचले जाने के डर से खिसक गये तो 9 फरवरी को जिन फिल्मों की
रिलीज पहले से तय है, उनको क्यों कुचलना चाहते हैं?
संजीव श्रीवास्तव - ‘पदमावत’ को लेकर बात करें तो हम शुरू से ही इसमें ‘रोमांच’ देख रहे हैं, ना
जाने रिलीज के बाद क्या होगा? बार-बार मोड़ आ रहे हैं, और
हर मोड़ पर एक नया रोमांच देखने को मिल रहा है। पहले बोर्ड से हरी झंडी फिर
सुप्रीम के फैसले के बाद मामला शांत हो जाना चाहिये था लेकिन अब भी तनाव बरकरार है?
अजय ब्रह्मात्मज – देखिये, संजल लीला भंसाली की फिल्में होती ही
ऐसी हैं। बनने के दौरान और रिलीज के बाद भी रोमांच बना रहता है। बात जहां तक ‘पद्मावत’ की है, तो शुरू से
ही इसके साथ विवाद जुड़ गया और इसमें संजय लीला भंसाली कैंप की तरफ से भी थोड़ी
गलती हुई। शायद उन्होंने सोचा नहीं कि विरोध और विवाद का ऐसा रूप भी देखने को
मिलेगा। बाद में भंसाली की तरफ से जो-जो प्रयास हुये वो अगर पहले ही किये गये होते
तो विवाद इतना नहीं बढ़ता। वो भी उस वक्त जिद पर अड़ गये और दूसरी तरफ करणी सेना
भी जिद पर अड़ी रही। वास्तव में ये झूठे ज़िद की लड़ाई है करणी सेना की तरफ से,
जबकि फिल्म किसी ने देखी ही नहीं थी। हिंदी सिनेमा के इतिहास में ऐसा कभी देखने को
नहीं मिला कि किसी निर्माता को अपनी फिल्म के पोस्टर पर इस तरह से डिस्क्लेमर
छापना पड़े। फिल्म के अंदर डिस्क्लेमर होते रहे हैं लेकिन पोस्टर पर ऐसा पहली बार
देखा है। इस तरह का डिस्क्लेमर फिल्म व्यवसाय के लिए बड़ा खतरा के समान है।
संजीव श्रीवास्तव – अक्षय कुमार ‘पैडमैन’ लेकर खिसक गये ऐसे में ‘पदमावत’ को ब्लॉकबस्टर बनने से कोई रोक नहीं सकता?
अजय ब्रह्मात्मज – असल में इस फिल्म को लेकर लोगों में इतनी जिज्ञासा
बढ़ गई है कि हर कोई अब इसको देखना चाहता है। विवाद की वजह से इस फिल्म के वैसे
दर्शक तो देखेंगे ही जो हमेशा फिल्में देखते हैं, वे दर्शक भी देखेंगे जो फिल्में
कभी नहीं देखते हैं। तो जाहिर है फिल्म को बड़ा फायदा होने वाला है। सिनेमा हॉल
में नया दर्शक वर्ग पहुंचने वाला है। इससे फिल्म की लागत निकलेगी और नया दर्शक
वर्ग मिलना फिल्म व्यवसाय के लिए अच्छा है।
संजीव श्रीवास्तव – इस ट्विस्ट में अब एक नया रोमांच आ गया है। ‘पद्मावत’ और ‘पैडमैन’ की टक्कर को देखते
हुये ‘अय्यारी’ की रिलीज तारीख़ खिसक गई थी लेकिन अब क्या होगा?
अजय ब्रह्मात्मज – देखिये तंबू में जब हाथी घुसता है तो बाकी जानवरों
को भी जगह देनी पड़ती है। हाथी के सामने एक शेर था ‘पैडमैन’, पहले वो खिसका लेकिन जब ‘पैडमैन’ वहां चला गया है तो देखते हैं क्या होता है? हालांकि ‘पैडमैन’ के सामने दोनों
छोटी फिल्में हैं-‘अय्यारी’ और ‘सोनू की टीटू की स्वीटी’। इसमें नीरज पांडे की ‘अय्यारी’ एक अलग किस्म की फिल्म है। जाहिर है ‘पैडमैन’ से इन दोनों को नुकसान तो होगा ही लेकिन दिक्कत यह भी है न रिलीज के
सीमित हफ्तों में ही सभी फिल्मों को मौका देना होता है।
(अजय ब्रह्मात्मज वरिष्ठ फिल्म पत्रकार व विश्लेषक हैं।
इन्होंने सिनेमा पर कई पुस्तकें लिखी हैं । मुंबई में निवास । संपर्क- 09820240504
संजीव श्रीवास्तव ‘पिक्चर
प्लस’ के संपादक हैं । दिल्ली में निवास ।
संपर्क- pictureplus2016@gmail.com)
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