सिनेमा की बात/जन्मदिन विशेष
अजय ब्रह्मात्मज/संजीव श्रीवास्तव
‘लुक’ और ‘लेंग्वेज’ के सफल प्रयोग ने आमिर को बनाया सुपर स्टार
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'ठग्स ऑफ हिंदुस्तान' में आमिर खान |
संजीव श्रीवास्तव - अजय जी, ‘कयामत से कयामत तक’ से लेकर आज तक के आमिर खान के संपूर्ण फिल्मी
जीवन और किरदारों को पीछे मुड़कर देखें तो ऐसी क्या खात बात उनकी पर्सनाल्टी में
आपको नज़र आती है जो दूसरे स्टार से अलग है?
अजय ब्रह्मात्मज – देखिए, आमिर खान की शुरुआत एक सामान्य एक्टर के तौर पर होती है। इसलिए आमिर खान को मैं बहुत प्रतिभाशाली अभिनेता
नहीं मानता। लेकिन ‘सरफरोश’ के समय आमिर खान को
कहीं ना कहीं यह लगने लगा कि बहुत हो चुका, अब कुछ डिफ्रेंट करना चाहिए। इसकी
हल्की फीलिंग उन्हें ‘गुलाम’ के समय ही हो गई है। लेकिन ‘सरफरोश’ के बाद उन्होंने सोच लिया कि अब उनकी एक्टिंग
की दिशा अलग होनी चाहिए। इसी के बाद ‘लगान’ आती है और उसके बाद की फिल्मों में आमिर को तो
सभी देख ही रहे हैं। दरअसल आमिर की एक बात बार-बार मुझे अपील करती है कि ‘अब मैं बहुत लोकप्रिय हो चुका हूं और मुझे अपनी
लोकप्रियता का सदुपयोग करना चाहिए’। यही उन्होंने किया
भी। ‘लगान’ के बाद उनकी महज
दो-चार ही घोर कॉमर्शियल फिल्में आईं बाकि सारी फिल्में अलग तरह की हैं और सफल भी
रहीं।
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आमिर खान का नया लुक |
संजीव श्रीवास्तव – ‘लगान’ के बाद मैंने ऑब्जर्व किया है कि आमिर ने अपनी हरेक फिल्म में अपने लुक या
गेटअप पर खासा ध्यान दिया है। लोग उनको ‘परफेक्शनिस्ट’ कहते हैं मैं इस लिहाज से
उनको ‘एस्पपेरिमेंटलिस्ट’ भी कहना चाहता हूं। क्या आपको नहीं लगता कि लुक या गेटअप के सफल
प्रयोग ने भी आमिर की सफलता में एक बड़ा रोल निभाया है?
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आमिर खान के साथ अजय ब्रह्मात्मज |
अजय ब्रह्मात्मज – इस संबंध में मुझे आमिर खान की पत्नी किरण राव
का मजाक में कहा गया एक वक्तव्य याद आता है। मैंने दोनों का एक ही साथ इंटरव्यू
किया था। उस दौरान किरण राव ने कहा था ‘आमिर वास्तव में
कैसे दिखते हैं-यह मैं भूल चुकी हूं। वो हर फिल्म में इस प्रकार अलग-अलग रूपों में
दिखाई देते हैं कि मैं भूल चुकी हूं कि मैंने किस आमिर से प्यार किया था।‘ यह मज़ाक में कहा गया था लेकिन सच था। दरअसल यह
इस बात को दर्शाता है कि उस व्यक्ति में अपने काम को लेकर कितना पैशन है। ‘लगान’ में तो एक किसान की
भूमिका थी इसलिए धोती-बनियान का गेटअप था लेकिन वास्तविक तौर पर ‘दिल चाहता है’ में आमिर के लुक पर विशेष ध्यान दिया गया, और इसमें फरहान अख्तर और उनकी
पूर्व पत्नी (अधुना भवानी) का खासा योगदान था। इस फिल्म के बाद तो आमिर ने वाकई
अपने लुक के साथ-साथ लेंग्वेज पर विशेष ध्यान दिया। दरअसल होता यह है कि जब आप
किसी खास किरदार को दर्शकों के मन में बिठाना चाहते हैं कि लुक पर कहीं ना कहीं ध्यान
देना पड़ता है-और सक्सेस की आधी लड़ाई आप यहीं पर जीत जाते हैं। देखिए, मैं फिर कह
रहा हूं कि आमिर एक सामान्य प्रतिभा के अभिनेता हैं। लेकिन उनमें खूबी यह है कि वो
अपनी मेहनत से अपनी उस कमी को कभी आड़े नहीं आने देना चाहते। किसी फिल्म में आमिर
को देखकर दर्शक उसके कंटेंट और किरदार में ही इतना खो जाते हैं-लोग इस बात को
ध्यान ही नहीं देते कि आमिर ने अच्छा अभिनय किया या औसत। ये उस कलाकार की विशेषता
है। इस शैली को उन्होंने विकसित किया है। अब वो इस कला के उस्ताद हो चुके हैं।
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संजीव श्रीवास्तव |
संजीव श्रीवास्तव – आमिर की एक और आने वाली
फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ की बड़ी चर्चा है। यहां एक बार फिर आमिर अलग लुक में हैं। क्या आप
बताना चाहेंगे कि इस फिल्म में आमिर का किरदार किस मिजाज का है? वो अमिताभ के साथ भी पहली बार आ रहे हैं।
अजय ब्रह्मात्मज – देखिए, इस फिल्म के बारे में ज्यादा तथ्य अभी
सामने नहीं हैं। हां, इसमें पहली बार वो और अमिताभ बच्चन आ रहे हैं-जिसका बहुतों
के मन में विशेष प्रतिक्षा का भाव है। लेकिन अपने किरदार को लेकर पिछले दिनों आमिर
ने एक विशेष बातचीत में यह जरूर कह दिया था कि जैसा लोग सोच रहे हैं वैसा उनका रोल
इस फिल्म में नहीं है। उनका कहना था कि यह फिल्म किसी किताब पर आधारित नहीं है
बल्कि इसके निर्देशक (विजय कृष्ण आचार्य) ने खुद इसे लिखा है। फिल्म थोड़ी अलग
किस्म की है। लेकिन जैसा कि पता चल रहा है कि इसमें आमिर का किरदार थोड़ा निगेटिव
है।
*(अजय ब्रह्मात्मज वरिष्ठ फिल्म समीक्षक हैं।
इन्होंने सिनेमा पर कई किताबें लिखी हैं। विश्वविद्यालयों में सिनेमा पर व्याख्यान
देते हैं। मुंबई में निवास।
संपर्क – 9820240504;
संजीव श्रीवास्तव ‘पिक्चर प्लस’ के संपादक हैं। दिल्ली में निवास।
संपर्क -pictureplus2016@gmail.com)
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