‘माधुरी’ के संस्थापक-संपादक अरविंद कुमार से
जीवनीपरक सिनेवार्ता; भाग-34
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राजेश खन्ना - उन दिनो |
और एक लड़की थी जिसके पीछे राजेश खन्ना पागल था।
वह थी सन् 1942 में जनमे
राजेश से चार साल छोटी 1946 में जन्मी अंजु महेंद्रु। तेरह साल की उम्र से ही वह मॉडलिंग करने लगी थी। विज्ञापनों में उसके फ़ोटो छपते थे। एक चाहने वाले ने उसे ‘टाइमलेस
ब्यूटी’ (कालातीत सुंदरी) भी कहा है। कैफ़ी आज़मी के
सुझाव पर मेरे मित्र बासु भट्टाचार्य ने उसे अपनी पहली फ़िल्म ‘उसकी कहानी’ (1966) में बीस साल की अंजु को हीरोइन बना लिया था। इसके निर्माता मुग़नी अब्बासी भी मेरे
मित्र थे। शैलेंद्र की ही तरह वह भी बासु को सफल निर्देशक देखना चाहते थे। कम बजट
पर बनी इस की सारी शूटिंग लोकेशनोँ पर की गई थी। ज़रूरत पड़ती तो शूटिंग स्थल पर
बिजली का बंदोबस्त वहां के निवासी ही करते
थे। रात के दृश्योँ की शूटिंग के लिए कैमरामैन नंदू भट्टाचार्य अपनी कार के
हैडलैंपों से काम चलाते थे। फ़िल्म यूनिट के आने जाने का ख़र्च अंजु की मां अपनी जेब से करती थीं। कनु राय के संगीत
निर्देशन मेँ कैफ़ी के गीत गाने के लिए हेमंत कुमार और गीता दत्त ने कोई फ़ीस नहीँ
ली थी।
राजेश और अंजु सात साल शादी के बग़ैर साथ साथ
रहे। राजेश के कहने पर अंजु ने अपना
कैरियर त्याग दिया। लेकिन यह बंदोबस्त ज़्यादा दिन चलने वाला नहीँ था। मतभेद उभरने
लगे। कहासुनी हो ही जाती। अंजु आज़ाद ख़्याल की थी, राजेश था पुरातनपंथी।
बात बात पर टोकाटाकी होने लगी। अंजु स्कर्ट पहनती तो वह कहता, ‘साड़ी
पहना करो’। साड़ी पहनती तो कहता,‘यह
भारतीय नारी होने का नाटक बंद करो’। ऐसे ही झगड़ोँ में एक दिन दोनोँ अलग हो गए। राजेश का कहना था
कि ‘अंजु उसे पूरा ध्यान नहीँ दे रही’।
शूटिंग से लौटता तो घर मेँ अंजु का पर्चा
मिलता,‘मैँ अमुक के यहां पार्टी पर जा रही हूं’।
कभी थका-हारा आता तो वह
दोस्तोँ के साथ पार्टी मेँ व्यस्त होती।
दोनोँ की मांएं भी तकरार का कारण बनने लगीँ। राजेश को लगता कि अंजु उस की मां के साथ समय नहीँ बिताती। अंजु कहती,‘राजेश
की मां मुझसे सही बरताव
नहीँ करती’। कई बार राजेश के चमचोँ पर बहस छिड़ जाती। अंजु
राजेश की चमची बनने को तैयार नहीँ थी। वह कहती,‘मैँ जतिन (राजेश का असली नाम) से प्यार करती
हूं, सुपरस्टार
राजेश से नहीं। जहां तक हो सका मैँने
सब कुछ उसे सौँप दिया था। उसने कहा, मॉडलिंग
छोड़ दो, अच्छे पैसे मिलने के बावजूद मैंने छोड़ दी। वह नहीँ चाहता था कि मैं फ़िल्मोँ में काम नहीँ करूं तो
मैंने संजीव कुमार के साथ फ़िल्म करने से
इनकार कर दिया।
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राजेश खन्ना और अंजू महेंन्दू |
ग़ुस्से से भरे राजेश ने अंजु का कैरियर बरबाद
करने मेँ कोई क़सर नहीँ छोड़ी। एक दिन सुनने में आया कि जिन भी फ़िल्मोँ मेँ अंजु
काम कर रही थी, वे राजेश ने दोगुने दाम दे कर ख़रीद कर बंद कर दी
हैँ। फिर एक और दिन ख़बर आई कि जिन भी विज्ञापनोँ मेँ अंजु का फ़ोटो था, वे
वापस ले लिए गए हैँ।
अंजु से संबंध टूटा तो राजेश ने अपने से पंदरह
साल छोटी निर्माणाधीन फ़िल्म बॉबी
की हीरोइन सोलह बरस की डिंपल कापड़िया से शादी कर ली। खुन्नस में और चिढ़ाने और
दिखाने के लिए राजेश अपनी बारात अंजू के घर के सामने ले कर गया। दोनोँ की शादी
पूरी देश में चर्चा का विषय बन गई। पूरा बॉलिवुड
निमंत्रित किया गया था। दीवानगी का आलम यह था कि प्रेम मिलन बिल्डिंग (नेपियन सी
रोड) पर हमारे फ़्लैट के नीचे रहने वाली पड़ोसन भी कुसुम और मेरे साथ लग ली थी।
लेकिन अंजु का प्रेम राजेश के अंतिम दिन तक बना
रहा। उसके कुछ आख़री सालोँ में वह उस के साथ थी। राजेश की मृत्यु की ख़बर पढ़ने के
बाद फ़िल्मकार महेश भट अंजु से मिलने उस घर गए जो राजेश ने अंजू को दिया था। महेश
ने कहा है, “मैं देर रात वहां पहुंचा।
मुझे आशंका थी कि वह बहुत विचलित होगी। पर पता चला कि पिछले कुछ साल से वह उस के
पास लौट आई थी। राजेश की दवादारू की देखभाल करती थी। अस्पताल ले जाती थी। आंसू
थामती वह बोली, मुझे संतोष है कि आख़री सांस में उस ने मेरा हाथ
थाम रखा था।”
पत्रकार भारती प्रधान का संपर्क राजेश से अंत तक
रहा। उसके अनुसार बीमार पड़ने से बहुत पहले से ही अंजु और राजेश साथ हो गए थे।
राजेश ने नया दफ़्तर ख़रीदा तो अंजु वहां काम करती थी। जब अंजू ने कार ख़रीदी तो सबसे ज़्यादा ख़ुशी राजेश को हुई थी। भारती
का यह भी कहना है कि डिंपल से शादी होने के बाद भी, राजेश अंजू से मिलता-जुलता रहता था।
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अरविंद कुमार |
राजेश का दाह संस्कार मुंबई के पवन हंस
क्रिमेटोरियम मेँ हुआ था। पोते आरव ने मुखाग्नि दी तो अंजु और डिंपल रो रही थीँ।
राजेश खन्ना के जीवन में जिस महिला का नाम सबसे
पहले लिया जाता है, वह है अंजू महेंद्रू। अंजू महेंद्रू और
राजेश खन्ना पूरे सात साल एक साथ रहे। लेकिन फिर उनका ब्रेकअप हो गया। अंजू महेंद्रू फैशन डिजाइनर थीं और फिल्मों में
साइड एक्ट्रेक्स की भूमिका निभाती थीं।
ब्रेकअप के बाद अंजू ने कहा कि उनका रिश्ता नहीं चल सका, क्योंकि
राजेश खन्ना उन्हें लेकर ज्यादा ही पोजेसिव। वे हमेशा यह चाहते थे कि मैं घर पर रहूं। वहीं राजेश का कहना था कि अंजू में ईगो है। खैर, सच्चाई से अंजू और राजेश की ज्यादा वाकिफ
होंगे, लेकिन इन दोनों का रिश्ता था और अंजू से ब्रेकअप
के बाद राजेश खन्ना ने डिंपल कपाड़िया से शादी कर ली। ऐसी बातें भी होती हैं कि अंजू को चिढ़ाने के
लिए राजेश खन्ना उनके घर के सामने से बारात लेकर गये थे। राजेश खन्ना से ब्रेकअप के बाद अंजू कुछ दिनों
वेस्टइंडीज के क्रिकेटर गैरी सोबर्स के साथ रिश्तों में रहीं लेकिन अंतत: उनका
पहला प्यार ही उन पर हावी रहा और
राजेश खन्ना के अंतिम दिनों में दोनों के संबंध मधुर थे। यहां तक उनकी शवयात्रा में डिंपल कपाड़िया ने
उन्हें शामिल होने का मौका दिया था और वह अंतिम संस्कार में परिजनों की तरह शामिल
हुईं थीं।
स्टार प्लस के ‘रिश्तोँ का
चक्रव्यूह’ सीरियल मेँ लगभग हर दिन अंजु महेंद्रु को देख कर
मुझे राजेश-अंजु की यह प्रेम कथा याद आती रही।
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राजेश खन्ना की शव यात्रा के दौरान एक तरफ डिंपल कपाड़िया और दूसरी तरफ अंजू महेंद्रू |
(अगले रविवार – राजेश-डिंपल प्रेमकथा और उस के
बीच राजेश-टीना मुनीम उपकथा)
सिनेवार्ता जारी है...
अगली कड़ी, अगले रविवार
संपर्क - arvind@arvindlexicon.com / pictureplus2016@gmail.com
(नोट : श्री अरविंद कुमार जी की ये
शृंखलाबद्ध सिनेवार्ता विशेष तौर पर 'पिक्चर प्लस' के लिए तैयार की गई है। इसके किसी भी भाग को अन्यत्र प्रकाशित करना कॉपीराइट
का उल्लंघन माना जायेगा। संपादक-पिक्चर प्लस)
बहोत अच्छी जानकारी......राजेश खन्ना के अंतिम समय में नीता आडवाणी भी साथ रहीं थी ! अगर उनके बारे में भी कोई जानकारी तो लिखें कृपया......!!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद्