जितेंद्र-हेमा-धर्मेंद्र : रियल लाइफ ट्रायंगल
का
आंखों देखा हाल
‘माधुरी’ के संस्थापक-संपादक अरविंद कुमार से
जीवनीपरक सिनेवार्ता; भाग-38
एक दिन अचानक सुनने में आया कि जितेंद्र मद्रास उड़ गया है हेमा मालिनी से शादी करने
और फिर सुनने में आया कि ख़ाली हाथ लौट आया।
सुनी सुनाई बातोँ पर निर्भर न रह कर तब जो कुछ हुआ था उसका आधिकारिक ब्योरा
पेश कर रहा हूं। हेमा मालिनी की रामकमल मुखर्जी जीवनी से:
“धर्मेंद्र के लिए हेमा की दीवानगी के चर्चों से बॉलीवुड गरम था। हेमा की
मां जया का चौंकना और भड़कना स्वाभाविक था। उसने तूफ़ान खड़ा कर
दिया। नौजवान हेमा मानने वाली थी ही नहीं। एक पूरे दिन वह ग़ायब रही। लौटी तो
घरवालों ने राहत की सांस ली। जया ने चौकसी बढ़ा दी। अब हेमा और धर्मेंद्र बस शूटिंग पर ही
मिल पाते। मतलब कि कई बार मिल पाते क्योँकि वे एक साथ कई फ़िल्मों में काम कर रहे थे।
अनमेल ब्याह से निपटने का मां को एक उपाय सूझा–‘हेमा की शादी!’
“उन दिनोँ हेमा-जितेंद्र की दो फ़िल्म बन रही थीँ: ‘दुल्हन’ और ‘खुशबू’। जितेंद्र के मन पर भी हेमा उतनी ही छाई थी,
जितनी धर्मेंद्र के मन पर। लेकिन हेमा को उसमें दिलचस्पी नहीँ थी। जितेंद्र ने मन
मार लिया। बस दोस्त रह गए थे। लेकिन दोनों एक दूसरे से
मन की बात करते रहते। मुमताज और जितेंद्र का चक्कर भी हेमा को पता था। धर्मेंद्र हेमा-जितेंद्र को शक़ की नज़र से
देखता रहा। एक दिन तो हद हो गई! जितेंद्र-हेमा की शूटिंग के दौरान धर्मेंद्र हेमा की
चोटी पकड़ मेकअप रूम से बाहर घसीट लाया! हेमा की मां जया को लगा कि यही सही मौक़ा है बेटी को उकसाने का। उसने हेमा को
जितेंद्र से शादी के लिए राज़ी कर ही लिया। जितेंद्र ने एक दोस्त से कहा, ‘मैँ हेमा से शादी
नहीँ करना चाहता। अब न मैँ उसे चाहता हूं, न वह मुझे। पर घरवाले कहते हैँ, तो कर लूंगा –लड़की अच्छी है।’
“दोनोँ घरवाले मामला गुपचुप रखना चाहते थे। कहीँ कोई लफड़ा न
खड़ा हो जाए! इसलिए चोरी छिपे अचानक
मद्रास चले गए। एक सांध्य समाचार पत्र को भनक पड़ गई, उसने ‘सनसनीख़ेज़’ ख़बर खोल दी। बॉलीवुड भौँचक्का था।
किसी को भरोसा नहीँ हो रहा था। परेशान धर्मेंद्र ताबड़तोड़ जितेंद्र की दोस्त एअर होस्टेस शोभा सिप्पी के घर
पहुंचा। अगली फ़्लाइट पकड़ कर दोनोँ बदहवास से पहुंचे हेमा के घर मद्रास। घटनाचक्र
नाटकीय हो गया। इन्हें देख हेमा के पिता आगबबूला हो गए। धर्मेंद्र को धकेल कर घर से निकाल
दिया। बार बार कह रहे थे, ‘मेरी बेटी की जान के पीछे क्योँ पड़ा है! तू शादीशुदा है। उसकी
शादी मैं तुझ से कभी नहीँ होने दूंगा।’
“नशे मेँ धुत धर्मेंद्र बार बार अनुनय विनय करता रहा, प्यार बखानता रहा।
आख़िर वे इस बात पर राज़ी हो गए कि धर्मेंद्र और हेमा एक कमरे में अकेले बात कर
लें।
“कमरे मेँ बेहाल धर्मंद्र हेमा को समझा रहा था, ‘इतनी बड़ी ग़लती मत
कर!’
“जितेंद्र और हेमा के घरवाले, शोभा, और मैरिज ब्यूरो का
रजिस्ट्रार–सब बाहर बेचैन थे। शोभा रो बिसूर रही थी। उत्तेजित जितेंद्र ने शोभा से
कह दिया,“अब तो मैँ हेमा से शादी कर के ही रहूंगा।” अजीब मंज़र था। सब
अपनी अपनी कह रहे थे।
“हेमा कमरे से निकली। आंखेँ फूली थीँ। तन बदन कांप रहा था। आवाज़ भर भरा रही थी। बोली, ‘मेरे फ़ैसले का कुछ दिन
इंतज़ार करेँ’।
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जितेंद्र और शोभा की शादी की रिसेप्शन में राजेंद्र कुमार से बातें करते हुए धर्मेंद्र |
“अब बारी थी जितेंद्र और उसके परिवार के भड़कने की। उनका कहना था, “यह हमें मंज़ूर नहीँ, शादी होगी तो अभी
वरना कभी नहीँ।”
“सिर हिला कर हेमा ने तत्काल शादी से इनकार कर दिया। अपमानित जितेंद्र
परिवार पैर पटकता वापस बंबई लौट गया।
“जल्दी ही जितेंद्र और शोभा की शादी हो गई। उस मौक़े पर मौजूद लोगों
में संजीव और गुलज़ार भी थे। शादी के समारोह में प्रसन्न धर्मेंद्र भी
बधाई देने आया।”
-अब 2018 में बहुत सयम बीत चुका है। जितेंद्र को अनेक सम्मान मिल चुके
हैं. उनमें सकुछ हैं–2000 लाइफ़टाइम अचीवमैंट अवॉर्ड (फ़िल्म परसनैल्टी),
2002 लाइफ़टाइम अचीवमैंट अवॉर्ड ज़ी गोल्ड बॉलीवुड मूवी अवॉर्ड न्यू-यॉर्क यूऐसए, 2003 फ़िल्मफ़ेअर
लाइफ़टाइम अचीवमैंट अवॉर्ड, 2004 लीजेंड ऑफ़ इंडियन सिनेमा ऐटलांटिक सिटी यूऐसए, 2005 स्क्रीन लाइफ़टाइम
अचीवमैंट अवॉर्ड, 2007 दादा साहेब अकादमी अवॉर्ड, 2012 ज़ी सिने
अवॉर्ड फ़ौर लाइफ़टाइम अचीवमैंट, और 2012 लायंस गोल्ड अवॉर्ड: मोस्ट ऐवरग्रीन
रोमांटिक हीरो।
जितेंद्र के सुखी परिवार में बेटा तुषार अभिनय
करता है, बेटी एकता कपूर मां शोभा के साथ बालाजी
टेलीफ़िल्म्स संभाल रही है।
-जैसा कि मैंने शुरू में लिखा था, बाद में
दोहराया भी था जितेंद्र उन लोगों में से हैं जिन्हेँ अपनी सफलता का लिखेरा कहा जाता है। अति
सक्रिय फ़िल्म अभिनय से अपने को धीरे धीरे अलग करके जितेंद्र ने अपने जीवन का सबसे
लाभकारी काम शुरू किया – यानी 1994 में बालाजी टेलिफ़िल्म्स की संस्थापना की। इसकी
दैनिक गतिविधि से अपने को अलग रह कर बस उस पर नज़र रखता। दैनिक कार्य की संचालक
हैं –बेटी एकता कपूर और पत्नी शोभा कपूर।
बालाजी टेलीफ़िल्म्स की गतिविधियोँ में शामिल हैं: टीवी सीरियल, फ़िल्म निर्माण, स्टूडियो,
मार्केटिंग, संगीत, हबोन वीडियो, टेलैंट मैनेजमैंट। इनकी कुल वार्षिक आमद – रुपए 3 अरब है तो शुद्ध आय है 45 करोड़ 51 लाख
रुपए। शाखाएं हैं – बालाजी मोशन पिक्चर, एऐलटी ऐंटरटेनमैंट, एऐलटी डिजिटल मीडिया
ऐंटरटेनमेंट लिमिटिड, बोल्ट मीडिया लिमिटिड, चयबन बालाजी ऐंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटिड,
मैरिनेटिंग फ़िल्म्स प्राइवेट लिमिटिड, ईवेंट मीडिया ऐलऐलपी, ब्रांड EK.
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अरविंद कुमार |
एकता कपूर का नाम टीवी पर मनोरंजन का पर्याय बन गया है। इनके सीरियल ‘हम पांच’ से निकली है आजकी
चोटी की अभिनेत्री विद्या बालन। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ‘क्योंकि सास भी कभी
बहु थी’ की उपज हैं।
सिनेवार्ता
जारी है...
अगली कड़ी, अगले रविवार
संपर्क - arvind@arvindlexicon.com / pictureplus2016@gmail.com
(नोट : श्री
अरविंद कुमार जी की ये शृंखलाबद्ध सिनेवार्ता विशेष तौर पर 'पिक्चर प्लस' के लिए तैयार की गई है। इसके किसी भी भाग को
अन्यत्र प्रकाशित करना कॉपीराइट का उल्लंघन माना जायेगा। संपादक-पिक्चर प्लस)
फ्रांस कला संस्कृति और फैशन कीदुनिया कासरताज नफासत और नजाकतकाअबाध झरना
जवाब देंहटाएंरूप और यौवन काजलसा
जहां बारबार जाने को दिल मचले