हिंदी ब्लॉग / पोर्टल
पर अब तक का
सबसे लंबा
धारावाहिक संस्मरण
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अरविंद कुमार से बातचीत करते हुए संजीव श्रीवास्तव |
कृपया क्लिक कर अरविंद जी देखें-सुनें
मित्रो,
पिछले दो साल से आदरणीय अरविंद कुमार जी पिक्चर प्लस के लिए साप्ताहिक
स्तंभ नियमित तौर पर लिख रहे हैं। उनकी लेखनी और शब्दावली से माधुरी युग मानो पुन: साक्षात हो गया। चारों तरफ से उनके चाहने वालों ने जिस तरह से
उत्साहजनक प्रतिक्रियाएं व्यक्त की निश्चय ही वे अप्रतिम हैं। ये प्रतिक्रियाएं
जताती हैं कि हम आज भी सामाजिक-सांस्कृतिक पत्रकारिता और सुसंस्कृत साहित्यिक
संवेदना से युक्त हैं। बस दरकार है, संयत उपलब्धता की।
मित्रो, पिक्चर प्लस पर अरविंद जी का बहुचर्चित स्तंभ माधुरी
सिनेवार्ता अब 100वें भाग में पहुंचने वाला है। यह पल गौरवांवित करता है। सिने
पत्रकारिता जिस तरीके से आज पतित हुई है, वैसे दौर में लोग अरविंद जी को लोग पढ़ते
हैं तो दिल में एक उम्मीद जगती है कि आशांवित रहने की वजह अभी खत्म नहीं हुई।
अरविंद जी ने माधुरी के माध्यम से सिनेमा, समाज और साहित्य को जिस
तरीके से 14 सालों तक बांधकर रखा, वह उपलब्धि पठनीयता के इस संकट के दौर में एक
पाठ की तरह है। ना तो गंभीरता से समझौता और ना ही घोर व्यावसायिकता के आगे समर्पण।
ऐसा समन्वय कोई बिरला साधक ही कर सकता है। आश्चर्य की बात तो येह कि ‘उत्पाद’ को फिर भी कोई ‘घाटा’ नहीं। घर घर में सराहनीय। बुद्धीजीवी से लेकर आम पाठक तक।
मुझे ऐसा प्रतीत होता है हिन्दी ब्लॉग में ऐसा कोई और नियमित स्तंभ
नहीं जो इतनी लंबी अवधि तक चला हो। अगर मेरी जानकारी कमजोर हो तो कृपया नए तथ्य से
जरूर अवगत कराएं। निश्चय ही यह प्रवाह अरविंद जी जैसे ऋषि तुल्य साधक लेखक
अनुसंधानकर्ता और संपादक से ही संभव है।
कृपया क्लिक कर अरविंद जी देखें-सुनें
मित्रो,
100वें भाग की पूर्ति से पूर्व मैंने उनके निवास जाकर उनसे मुलाकात की
और उन्हें साधुवाद दिया।
और इस दौरान कुछ बातचीत भी की। जिसे वीडियोबद्ध किया है।
आप सभी पिक्चर प्लस के सुधी पाठकों के लिए उस वीडियोवार्ता के लिंक्स
नीचे दिये गये हैं।
अरविंद जी को तो हमने पढ़ा ही है, अब उनको सुनेंगे तो यकीनन खुद को और
भी ऊर्जावान महसूस करेंगे।
और हां, एक बात और अतीव गर्व के साथ बताने योग्य है कि 100वें भाग के
बाद भी पिक्चर प्लस पर अरविंद कुमार से माधुरी सिनेवार्ता की शृंखला जारी रहेगी।
सादर।
संजीव श्रीवास्तव कृपया क्लिक कर अरविंद जी देखें-सुनें
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